तुम लौट के आयोगे हम से मिलने; रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई; तेरे वादे पे क्या भरोसा किया; हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई।
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तुम लौट के आयोगे हम से मिलने; रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई; तेरे वादे पे क्या भरोसा किया; हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई।
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