हर शाम से तेरा इज़हार किया करते हैं; हर ख्वाब में तेरा दीदार किया करते हैं; दीवाने ही तो हैं हम तेरे ओ हम नशीब; हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते हैं।
Like (1) Dislike (0)
हर शाम से तेरा इज़हार किया करते हैं; हर ख्वाब में तेरा दीदार किया करते हैं; दीवाने ही तो हैं हम तेरे ओ हम नशीब; हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते हैं।
Your Comment