तन्हाई में सताती है उसकी याद ऐसे चले आते हैं आँखों में आंसू जैसे; मेरा हुक्म है ये तुम्हे दया कि पता लगाओ मुन्नी बदनाम हुई तो हुई कैसे!
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तन्हाई में सताती है उसकी याद ऐसे चले आते हैं आँखों में आंसू जैसे; मेरा हुक्म है ये तुम्हे दया कि पता लगाओ मुन्नी बदनाम हुई तो हुई कैसे!
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