तुम्हारा साया बन कर ता उम्र तुम्हारा साथ निभायेंगे; हर एक कदम तुम्हारी राहों को फूलों से सजायेंगे; अगर मौत ने जुदा कर भी दिया ए दोस्त हमें तुमसे; तो तुम्हारी खिड़की के सामने वाले पेड़ पर; प्रेत बन कर उलटे लटक जायेंगे!

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