हम भी जान-ए-मन तेरे लिए ताजमहल बनायेंगे; अर्ज़ किया है; हम भी जान-ए-मन तेरे लिए ताजमहल बनायेंगे; एक कप सुबह पिलायेंगे और एक कप शाम को पिलायेंगे!
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हम भी जान-ए-मन तेरे लिए ताजमहल बनायेंगे; अर्ज़ किया है; हम भी जान-ए-मन तेरे लिए ताजमहल बनायेंगे; एक कप सुबह पिलायेंगे और एक कप शाम को पिलायेंगे!
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