आपके दीदार को निकल आये हैं तारे; आपकी खुशबु से छा गई हैं बहारें; आपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे; कि चुप-चुप के चाँद भी बस आप ही को निहारे!
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आपके दीदार को निकल आये हैं तारे; आपकी खुशबु से छा गई हैं बहारें; आपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे; कि चुप-चुप के चाँद भी बस आप ही को निहारे!
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