बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा; बिना रोंए हुए हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा; जो उसे करता हैं उसे वही जानता है; अगर हम जान गए तो उसे खुदा कौन कहेगा!
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बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा; बिना रोंए हुए हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा; जो उसे करता हैं उसे वही जानता है; अगर हम जान गए तो उसे खुदा कौन कहेगा!
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