साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन; तूफ़ान से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है; कहते है कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन; उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।
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साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन; तूफ़ान से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है; कहते है कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन; उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।
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