तुम्हारी याद के सहारे जिए जाते हैं; वरना हम तो कब के मर गए होते; जो जख्म दिल में नासूर बन गए; जख्म वो कब के भर गए होते।
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तुम्हारी याद के सहारे जिए जाते हैं; वरना हम तो कब के मर गए होते; जो जख्म दिल में नासूर बन गए; जख्म वो कब के भर गए होते।
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