बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी; दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी; ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे; करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
Like (0) Dislike (0)
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी; दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी; ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे; करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
Your Comment