Home
Aapka Swagat Hai
Shayari Bazar
Mai
Toggle navigation
Menu
English
Punjabi
Hindi
Urdu
Haryanvi
Two-lines
Riddles
Sms
Facebook Status
Jokes
Quotes
Catholic
Home
Hindi
Taarif Shayari
ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे
ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे
ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे तय ना हुए; हज़ार बार रुके हम हज़ार बार चले।
Like
(
0
)
Dislike
(
2
)
Share
Related Post
क्या बटवारा था हाथ की लकीरों
थक गए हम उनका इंतज़ार करतेकरते;
तू है मुझमें शामिल इस तरह;
अगर प्यार में जुदाई न होती
अकेला सा महसूस करो जब तन्हाई
कौन पूछता है पिंजरे मे बंद
तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार
हम ही में थी न कोई
बता मुझे ये तेरी तनहाई कैसी
हम उनके काबिल नही इस लिए
Your Comment
Login
Your Comment