होंठो पे कभी उनके मेरा नाम ही आये; आये तो सही बर-सर-ए-इलज़ाम ही आये; हैरान हैं लब-बस्ता हैं दिल-गीर हैं गुंचे; खुशबू की जुबानी तेरा पैगाम ही आये।
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होंठो पे कभी उनके मेरा नाम ही आये; आये तो सही बर-सर-ए-इलज़ाम ही आये; हैरान हैं लब-बस्ता हैं दिल-गीर हैं गुंचे; खुशबू की जुबानी तेरा पैगाम ही आये।
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