आपकी याद दिल को बेकरार करती है; नज़र तालाश आपको बार-बार करती है; गिला नहीं जो हम हैं दूर आपसे; हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
आपकी याद दिल को बेकरार करती है; नज़र तालाश आपको बार-बार करती है; गिला नहीं जो हम हैं दूर आपसे; हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
लम्हें जुदाई के बेकरार करते हैं; हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं; आँखें मेरी पढ़ लो कभी भी; हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं।
आज कुछ ज़िन्दगी में कमी है तेरे बगैर; ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर; वक़्त चल रहा है अपनी ही रफ़्तार से; बस थम गयी है धड़कन एक तेरे बगैर।
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका; तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका; वो कभी हमसे पूछा करते थे जुदाई क्या है; आज समझ आया है हमें सवाल उनका।
जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी; ना जाती है दिल से मोहब्बत तेरी; तेरे जाने के बाद किया है यह महसूस हमने; और भी ज्यादा है हमें ज़रूरत तेरी।
बहुत चाहा पर उन्हें भुला ना सके; ख्यालों में किसी और को ला ना सके; किसी को देख कर आंसू तो पोंछ लिए; पर किसी को देख कर हम मुस्कुरा ना सके।
पत्थर से प्यार किया नादान थे हम
गलती हुई क्यों की इंसान थे हम
आज जिन्हे नज़रे मिलाने में तकलीफ होती है.
कभी उसी शख्स की जान थे हम.
हर लम्हा हम उन्हें याद करते रहे; उनकी याद में मर-मर के जीते रहे; अश्क़ आँखों से हमारी बहते रहे; जुदाई में उनकी हम अश्क़ों के जाम पीते रहे।
आज भी सूना पड़ा है हर एक मंज़र; तेरे जाने से सब कुछ वीरान लगता है; उस रास्ते पे आज भी हम तेरी राह देखते हैं; जहाँ से तेरा लौट आना आसान लगता है।
पलकों के किनारे हमने भिगोए ही नहीं; वो सोचते हैं हम रोए ही नहीं; वो पूछते हैं कि ख़्वाबों में किसे देखते हो; हम हैं कि एक उम्र से सोए ही नहीं।
तू है मुझमें शामिल इस तरह; तेरा तसव्वर ज़िक्र भी करूँ किस तरह; चाहे दूर सही लेकिन तू है इस दुनिया में; तेरी उम्मीद रहते हुए मैं मरुँ किस तरह।
जिंदगी की कश्ती कब लगे कौन से किनारे; कब मिलेंगी मनचली बहारें; जीना तो पड़ेगा ही कैसे भी प्यारे; कभी दोस्तों की भीड़ में कभी तन्हाई के सहारे।
थक गए हम उनका इंतज़ार करते-करते; रोए हज़ार बार खुद से तकरार करते-करते; दो शब्द उनकी ज़ुबान से निकल जाते कभी; और टूट गए हम एक तरफ़ा प्यार करते-करते।
रोज साहिल से समंदर का नज़ारा न करो; अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो; आओ देखो मेरी नज़रों में उतर कर ख़ुद को; आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
याद में तेरी आँखें भरता है कोई; हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई; मौत एक ऐसी चीज़ है जिसको आना ही है; लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।