संता: आज मैं अपना छाता घर भूल आया! बंता: तुम्हें यह कब मालूम हुआ? संता: जब बरसात रुकने पर मैंने उसे बंद करने के लिये हाथ ऊपर उठाया!
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संता: आज मैं अपना छाता घर भूल आया! बंता: तुम्हें यह कब मालूम हुआ? संता: जब बरसात रुकने पर मैंने उसे बंद करने के लिये हाथ ऊपर उठाया!
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