ज़रूरत ही नहीं अलफ़ाज़ की; प्यार तो चीज़ है बस एहसास की; पास होते तो मंज़र ही क्या होता; दूर से ही खबर है हमें आपकी हर सांस की। कृप्या मेरी वैलेंटाइन बन जाइए!
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ज़रूरत ही नहीं अलफ़ाज़ की; प्यार तो चीज़ है बस एहसास की; पास होते तो मंज़र ही क्या होता; दूर से ही खबर है हमें आपकी हर सांस की। कृप्या मेरी वैलेंटाइन बन जाइए!
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