इस ठण्ड में ग़ालिब का नया शेर: खुद को कर बुलंद इतना कि हर सुबह घूमने निकले; वहाँ खुदा खुद आकर पूछे बता तेरी रजाई कहाँ है?
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इस ठण्ड में ग़ालिब का नया शेर: खुद को कर बुलंद इतना कि हर सुबह घूमने निकले; वहाँ खुदा खुद आकर पूछे बता तेरी रजाई कहाँ है?
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