Home
Aapka Swagat Hai
Shayari Bazar
Mai
Toggle navigation
Menu
English
Punjabi
Hindi
Urdu
Haryanvi
Two-lines
Riddles
Sms
Facebook Status
Jokes
Quotes
Catholic
Home
Hindi
Jeoulousy Shayari
ऊपर से नीचे बहता हूँ; हर
ऊपर से नीचे बहता हूँ; हर
ऊपर से नीचे बहता हूँ; हर बर्तन को अपनाता हूँ; देखो मुझको गिरा न देना; वरना कठिन हो जाएगा भरना।
Like
(
0
)
Dislike
(
1
)
Share
Related Post
श्रीनगर से चली कानपुर में पकड़ी
वो क्या जिसमे 4 उँगलियाँ और
एक दिन एक वकील और उसके
लोहा खींचू ऐसी ताकत है पर
चार टांग की हूँ एक नारी
ऐसा है यह अजब खजाना; मालिक
रमेश सुरेश के पीछे खड़ा है
काली है पर काग नहीं लंबी
ऊँठ की बैठक हिरन की चाल;
मुर्गी अंडा देती है और गाय
Your Comment
Login
Your Comment