दुनियां भर की करता सैर धरती पे ना रखता पैर; दिन भर में मैं सोता और रात में जागता; रात अँधेरी मेरे बग़ैर जल्दी बताओ मैं हूँ कौन?
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दुनियां भर की करता सैर धरती पे ना रखता पैर; दिन भर में मैं सोता और रात में जागता; रात अँधेरी मेरे बग़ैर जल्दी बताओ मैं हूँ कौन?
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