पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती दिल में क्या है वो बात नही समझती
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती

इस दुनिया से उम्मीद-ए-वफ़ा मत रखना; लुट जाओगे दरवाज़ा खुला मत रखना; ख्वाहिश है अगर जन्नत में जाने की तो; अपने माँ-बाप को अपने से कभी जुदा मत रखना।

ज़िन्दगी उसी को आजमाती है; जो हर मोड़ पर चलना जानता है; कुछ खोकर तो हर कोई मुस्कुराता है; पर ज़िन्दगी उसी की है जो कुछ खोकर भी मुस्कुराना जानता है।

हर जलते दिये तले अँधेरा होता है; हर रात के पीछे एक सवेरा होता है; लोग डर जाते हैं मुश्किलों को देख कर; पर हर मुश्किल के पीछे सफलता का सवेरा होता है।

यदि आपको सफलता की अपेक्षा है तो इसका लक्ष्य न बनाएं; अपितु वही करें जो आपको प्रिय है और विश्वास रखें और स्वाभाविक रूप से आप इसे हासिल कर सकेगें।

बहुत कुछ सिखा जाती है जिंदगी; हंसा के रुला जाती है जिंदगी; जी सको जितना उतना जी लो दोस्तों; क्योंकि बहुर कुछ बाकी रहता है और ख़त्म हो जाती है जिंदगी।

नफरतों में क्या रखा हैं मोहब्बत से जीना सीखो
ये दुनियाँ न मेरा घर हैं न ही तुम्हारा ठिकाना
याद रहे दुसरा मौका कहानियाँ देती हैं जिन्दगियां नही

नफरतों में क्या रखा है मोहब्बत से जीना सीखो
क्योंकि यारों ये दुनिया न तो मेरा घर है और न तुम्हारा ठिकाना
दूसरा मौका सिफॅ कहानिया देती है जिन्दगी नही

तारों में एक अकेला चाँद जगमगाता है; मुश्किलों में अकेला इंसान ही डगमगाता है; काँटों से कभी मत घबराना ऐ दोस्त; क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है।

किस्मत में लिखी हर मुश्किल टल जाती है; यदि हो बुलंद हौसले तो मंज़िल मिल ही जाती है; सिर उठा कर यदि आसमान को देखोगे बार-बार; तो गगन को छूने की प्रेरणा मिल ही जाती है।

ताश के पत्तों से कभी महल नहीं बनता; नदी को रोक लेने से कभी समंदर नहीं बनता; बढ़ते रहो ज़िंदगी में हर पल किसी नयी दिशा की तरफ; क्योंकि बस एक जंग जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।

जब टूटने लगे हौंसला तो इतना याद रखना बिना मेहनत के कभी तख़्त-ओ-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेते हैं जुगनू अंधेरों में भी मंज़िल; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।

तूफ़ान में कभी ताश का घर बनता; रोने से कभी बिगड़ा मुक़द्दर नहीं संवरता; दुनिया को जीतने का हौंसला रखो; एक बार हारने से कोई फ़क़ीर नहीं बनता; एक बार जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।

दर्द में भी जो हँसना चाहो तो हँस पाओगे; टूटे फूलों को भी पानी में डालो तो उनमें भी महक पाओगे; ज़िंदगी किसी ठहराव में कहीं रुकती नहीं; हिम्मत जो करोगे तो मंज़िल खुद-ब-खुद पा जाओगे।

दो अक्षर का शब्द है लक ; ढाई अक्षर का शब्द है भाग्य ; तीन अक्षर का शब्द है नसीब ; साढ़े तीन अक्षर का शब्द है किस्मत ; मगर ये चारों के चारों चार अक्षर के शब्द मेहनत के सामने छोटे होते हैं।