नक़ाब क्या छुपाएगा शबाब-ए-हुस्न को; निगाह-ए-इश्क तो पत्थर भी चीर देती है।

खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत; वरना मै बहुत बार मिला हूँ आखरी बार उससे!

तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी; एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे।

झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने

मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन
जैसी है...
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद
किया...

वैसे तो लोग प्यार झूठ से करते बहुत है
बात दिल दुखाने की हो तो सच बोलते बहुत है

आग लगना मेरी फितरत में नही
पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये उस में मेरा कया कसूर

अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं

राज़-ए-हक़ीकत जानने वाले देखिये अब क्या कहते हैं; दिल को अपना दिल नहीं कहते उनकी तमन्ना कहते हैं।

मोहब्बत के हर रास्ते में दर्द ही दर्द मिलेगा
मैं सोच रहा हु उस रास्ते पर मेडिकल खोल लू मस्त चलेगा

हमें पता था की उसकी मोहब्बत के जाम में ज़हर है; पर उसका पिलाने का अंदाज़ ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा न सके!

चंद फाँसले हों दरमियाँ ये भी लाज़मी है; डरता हूँ अगर नज़दीकियाँ बढ़ गई तो; कहीं मोहब्बत ना हो जाए शख़्सियत से तेरी!

सड़क पर बारात चल रही हो और सामने से बस आ जाये तो
बारात में से 15 लोग तुरुन्त ट्रैफिक पुलिस के हवलदार की भूमिका में आ जाते हैं

पल पल के रिश्ते का वादा है आपसे; अपनापन कुछ इतना ज्यादा है आपसे; ना सोचना कि भूल गए हम आपको; ज़िन्दगी भर चाहेंगे ये वादा है आपसे।

रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।