दिल मे एक शोर सा हो रहा है. बिन आप के दिल बोर हो रहा है. बहुत कम याद करते हो आप हमे. कही ऐसा तो नही की… ये दोस्ती का रिश्ता कमज़ोर हो रहा है..

पाने से खोने का मज़ा कुछ और है; बंद आँखों से देखने का मज़ा कुछ और है; आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने ग़ज़ल; तेरी यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है।

बूँदें बारिश की यूँ ज़मीन पर आने लगी; सोंदी सी महक माटी की जगाने लगी; हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी; वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी।

दिल की बात किसी से कही नहीं जाती; दिल की हालत अब हमसे सही नहीं जाती; तड़पती तो होगी वो भी हमारी तरह; वरना यूँ ही किसी की याद हर पल नहीं आती।

ना वो आ सके ना हम जा सके; दर्द दिल का किसी को ना सुना सके; यादों को लेकर बैठें हैं आस में उनकी; ना उन्होंने याद किया ना हम उन्हें भुला सके।

दूरियां ही नज़दीक लाती हैं; दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं; दूर होकर भी कोई करीब है कितना; दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं।

दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं उसकी यादे हैं; अब यादे ही दर्द दें; तो उसे इलज़ाम क्या दूँ!

महक होती तो तितलियाँ बहुत आती; कोई रोता तो सिसकियाँ ज़रूर आती; कहने को तो लोग मुझे बहुत याद करते हैं; मगर याद करते तो हिचकियां जरूर आती।

कभी दिल को कभी शमा को जला कर रोये; तेरी याद को दिल से लगा कर हम रोये; रात की गोद में जब सो गयी सारी दुनिया; चाँद को तेरी तस्वीर बना कर हम रोये।

तुझे भूलने का कभी हौंसला ना हुआ; दूर रहकर भी तू मुझसे जुदा ना हुआ; तुझसे मिल के हम किसी से क्या मिलते; कोई तेरे जैसा इस जहाँ में दूसरा न हुआ।

आपकी याद में दीवाने से फिरते हैं; तन्हाई में अक्सर आपको तलाश करते हैं; जिंदगी वीरान सी है आपके जाने के बाद; आज भी हम तुमसे प्यार करते हैं।

वक्त हर चीज़ मिटा देता है; हसीन लम्हों को भुला देता है; पर नहीं मिटा सकता दोस्तों की यादें; क्योंकि वक्त खुद ही दोस्तों की याद दिला देता है।

यूँ रिश्ता निभाएंगे कि आपकी आँखों में खुद के लिए फिक्र छोड़ जाएंगे; कल हम भले ही हों ना हों; लेकिन आपकी हर एक याद में अपना ज़िक्र छोड़ जाएंगे।

बनकर लब्ज मेरी किताबों में मिलना; बनकर खुशबु की महक मेरे गुलाबों में मिलना; जब आयेगी तुम्हें हमारी याद; तब बनकर ख्वाब मेरी आँखों में मिलना!

दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी; अब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ।