याद रूकती नहीं रोक पाने से; दिल मानता नहीं किसी के समझाने से; रुक जाती हैं धड़कनें आपको भूल जाने से; इसलिए आपको याद करते हैं ज़ीने के बहाने से।

कुछ लोग जिंदगी मे इस कदर शामिल हो जाते हैं; अगर भूलना चाहो तो और याद आते हैं; बस जाते हैं वो दिल में इस कदर; कि आंखे बंद करो तो सामने नजर आते हैं।

किसी भी मोड़ पर हम आपको खोने नहीं देंगे; जुदा होना भी चाहो हम होने नहीं देंगे; चाँदनी रातों में आएगी हमारी याद; हमारी यादों के वो पल आपको सोने नहीं देंगे।

अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय

मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत,
जो हो सके तो दुआओं को बेअसर कर दे।।

सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता
जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है

एक आरज़ू सी है कि उन्हें भूल जाएँ हम; मगर उनकी यादों के आगे तो यह हसरत भी हार जाती है।

हम तो बातो-बातो में दिल की बात कह
जाते हैं... और कई
लोग... गीता पर हाथ रख कर भी, सच नहीं
कह पाते है..!!

हाल तो पुंछ लू तेरा ...
पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी.......!!
ज़ब ज़ब सुनी हैं .....
कमबख्त मोहब्बत ही हुई हैं ......!!

मत इंतज़ार कराओ हमें इतना; कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये; क्या पता कल तुम लौटकर आओ; और हम खामोश हो जाएँ!

फूल खुशबु के लिए; प्यार निभाने के लिए; आँखें दिल चुराने के लिए; और यह मेरा मैसेज आपको; मेरी याद दिलाने के लिए।

जब छोटे थे हम ज़ोर से रोते थे जो पसंद था उसे पाने के लिए; आज बड़े हो गए तो चुपके से रोते हैं; जो पसंद है उसे भुलाने के लिये!

दो कदम तो सब साथ चलते हैं; पर ज़िंदगी भर का साथ कोई नहीं निभाता; अगर रो कर भुलाई जाती यादें; तो हँस कर कोई गम नहीं छुपाता।

कल रात चाँद बिलकुल आप जैसा था। बिलकुल: वही खूबसूरती वही नूर वही गुरूर और वही आपकी तरह दूर। तड़प रहें हैं तेरी याद में।

अजीब लगती है शाम कभी-कभी; ज़िंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ आये तो मुझे भी बताना कि; क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी।