अगर प्यार साथ हो तो तन्हाई नहीं होती; सच्चे प्यार में कभी बेवफाई नहीं होती; पर अगर एक बार हो जाये प्यार; . . . . . . फिर कितनी भी रख लो टयूशन फिर पढाई नहीं होती।

माँ ने अपने बच्चे से पूछा तुम सारा साल क्यों नहीं पढ़ते सिर्फ इम्तिहानों के दिनों में ही क्यों पढ़ते हो? बच्चा: माँ लहरों का सकून तो सभी को पसंद है। लेकिन तूफानों में कश्ती निकालने का मज़ा ही कुछ और है।

जोर का झटका हाय जोरों से लगा; पढ़ाई बन गई उम्र कैद की सज़ा; ये है उदासी जान की प्यासी; EXAM से अच्छा तुम दे दो फांसी।

कह दो उन पढ़ने वालों से; कभी हम भी पढ़ा करते थे; जितना सिलेबस पढ़ कर वो टॉप करते हैं; उतना तो हम Choice पर छोड़ दिया करते थे।

पेपर की रोटी टेंशन का अचार; लैंप की किरण सवालों की बहार; पेपर leak की चांदी सीनियर्स का प्यार; मुबारक हो आपको Exam का त्यौहार।

जो मिल गया उसे मुक़द्दर समझो; खुद को वक़्त का सिकंदर समझो; क्यों डरते हो यारों रिजल्ट से? रिजल्ट आने तक खुद को यूनिवर्सिटी-टॉपर समझो!

रात को किताबें मुझे देखती रहीं; नींद मुझे अपनी ओर खींचती रही; नींद का झोका मेरा मन मोह गया; और एक रात फिर ये पढ़ाकू बिना पढ़े ही सो गया।

परीक्षा में बैठे दुखी छात्र की शायरी: प्यासी निगाहों से जलता रहा मेरी चाहत का दिया; कुछ तो बता दे मेरे यार मैंने अभी शुरू भी नहीं किया।

बहुत दर्द होता है जब अध्यापिका बोलती है कि तुम्हारा और तुम्हारे आगे वाले का जवाब एक है। तब दिल से आवाज आती है तो साला सवाल भी तो एक ही था ।

परीक्षा में बैठकर हम यही सोचते हैं कि हमारी यादाश्त बहुत कमजोर है। लेकिन जिससे कभी प्यार किया हो और उसे भूलना चाहें . . . . . . तो लगता है कि जैसे सारी दुनिया के काजू-बादाम हमने ही खा रखे हो।

मौत और मोहब्बत तो बस नाम से बदनाम है; वर्ना; तकलीफ़ तो सबसे ज्यादा पढ़ाई ही देती है।

बोर्ड परीक्षा के छात्र बढियां अंक लाने के लिए दो काम कर सकते हैं: 1. दही-चीनी खाकर घर से निकलें 2. या Lux Cozi अपना लक पहन के चलें

किसी ने सच ही कहा है: जो आँखों से हमेशा रहते हैं दूर; वाह-वाह! जो आँखों से हमेशा रहते हैं दूर; वो प्रशन Exam में आते हैं ज़रूर।

आप सभी को यह सूचित किया जाता है कि घर में रखे सारे जूते चप्पल बेल्ट झाड़ू और बेलन को छुपा दें। क्योंकि . . . . . . रिजल्ट आने वाला है।

हर युग में ऐसा होता है; हर स्टूडेंट इश्क में खोता है; पढ़ाई रह जाती है सिर्फ दिखावे की; और फिर हाल-ए-दिल मार्कशीट पर बयाँ होता है।