जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया

अब तो सजाएं बन चुकीं है गुजरे हुए वक्त की
यादें ,
.
ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते
है लोग

अजीब सी दास्तां है मेरी भी शब्द लिखता हूँ फिर मिटाता हूँ
और कई लोग तो तब तक पूरी शायरी ही लिख डालते है

हमारा ‪‎बस‬ चले तो हम उसे अपने ‎जुतो‬ के पास खडा कर दे
लेकिन क्या करु कंबख्त‬ हम जुते भी ‪Branded‬ पहनते हैं

लोग समजते हे की में तुम्हारे हुस्न पे मरता हूँ , अगर तुम भी यही समजते हो तो सुनो ; जब हुस्न खोदो तब लौट आना !!

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए वर्ना
जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा

जीने का तरीका काश वो फूटपाथ पे खेल रहा बच्चा मुझे सिखा दे
ना जाने भूखा पेट लेकर कैसे मुस्कुरा लेता हैं

एक वक्त था के इज़हार_ए मोहब्बत के मुझे शब्द नही मिलते थे
मेहरबानी तेरी बेवफाई की कि हमको शायर बना दिया...!!!

ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने दिया ही नहीं था
जितना बदनाम मैने तूझे वाह वाहीया बटोरने के लिए कर दिया

अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते

अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते

ऐ खुदा मेंरी किस्मत से खेलना शौक है तेरा
या तेरे दुसरे खिलोनो में मेरे जितना बर्दास्त करने की ताकत नहीं हे

शुक्रगुज़ार हूँ मैं इस बेदर्द गर्मी का भी यारों
कम से कम पसीनों की बूँदों से हमारे आँशु तो किसी को नही दीखते