बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
भीड़ में खड़ा होना मकसद नही है मेरा
बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है
मैं नहीं रोती लोग मुझे देख कर रोते हैं
मोह्हबत का सबसे कमज़ोर पहलु ये है कि
ये किसी घटिया इंसान के साथ भी हो सकती है
जो निखर कर बिखर जाये वो कर्तव्य है
और जो बिखर कर निखर जाए वो व्यक्तित्व हैं
हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए
ज़रा देखना दरवाज़े पे कोई कुछ देने आया है
ज़ख्म हो तो रख लेना इश्क़ हो तो रफा दफा
सुकून मिलता है दो लफ़्ज़ों को कागज पर उतार कर
चीख भी लेते हे और आवाज भी नही आती
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नही देता
🙏चले जाऐंगे तुझे तेरे हाल पर छोड कर, कदर क्या होती हे ये तुझे वक्त बता देगा। 🙏
जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे ए दिल
न तूं रहे तुझमे और न मोहब्बत रहे मुजमे
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी..
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़ककर..
वो जिधर देख रहे हैं सब उधर देख रहे हैं
हम तो बस देखने वालों की नजर देख रहे हैं
उसकी हर गलती माफ हो जाती है,
जब वो मुस्कुरा कर पुछती है
करवु छे आजे....?...😜
😜😜
मेरे पास से गुज़र गए मेरा हाल तक ना पूछा
मैं ये कैसे मान जाऊँ वो दूर जा के रोए