तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे
शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे

करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन देख
लेना...
बस जरा ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो...

फितरत किसी की यूँ न आजमाया कर
हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता हैं

हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये

ना कोई किसी का रकीब होता है ना कोई किसी का हबीब होता है
खुदा की रेहमत से बन जाते है रिश्ते जहाँ जिसका नसीब होता है

तेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल

उनके खूबसूरत चेहरे से नकाब क्या उतरा
जमाने भर की नीयत बेनकाब हो गयी

ये तेरा मेरा रिश्ता भी वेल्डिंग की तरह है
दोनों खूब जलते हैं जुड़ने के लिए

पागलपन की हद से न गुजरे तो प्यार कैसा
होश में तो रिश्ते निभाए जाते है

"ऐसा कोई शहर नही जहा हमारा कहर नहीँ..,
ऐसी कोई
गली नही जहा हमारी चली नहीं.."

में क्यों पुकारू उसे की लौट आओ
क्या उसे खबर नहीं की कुछ नहीं मेरे पास उसके सिवाय

जो निखर कर बिखर जाये वो कर्तव्य है
और जो बिखर कर निखर जाए वो व्यक्तित्व हैं

"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे, शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब, तो पैग बना कर दिया करूंगा"

हमारी अधूरी कहानी गाना इतना रोमांटिक है
गाना सुनते ही मैं अपनी गर्लफ्रेंड को मिस करने लगा
साला बाद में पता चला मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है

काश तुम मेरे होते सांस ही थम जाती
अगर ये शब्द तेरे होते