बस अब लकीर उलझी हुई है लकीर से
हाथों से ले गया है नसीब कोई
बस अब लकीर उलझी हुई है लकीर से
हाथों से ले गया है नसीब कोई
दिल मेँ बुराई रखने से बेहतर है; अपनी
नाराजगी जाहिर कर दो..!!!
किसी के भी पीछे इतना न भागो
की अपनी ही चाल का अंदाजा न हो ...!!!! !
भरे बाजार में हर एक लड़की JALENGI
जब अपनी वाली अपने साथ CHALENGI
महरूम ना कर साये से अपने ....
बिखर जायेंगे फिर आँखों से सपने !!
ऐ अन्ज़ान उससे कह दो कि, मोहब्बत नही आती, पर रहम तो आता होगा ना?
तेरी बातों से कुछ कम रह गयी थी
कल कुछ उस काजू-कतली की मिठास
जीँदगी हो या शतरंज मजा तभी आता है
जब रानी मरते दम तक साथ हो
सबूत गूनाहो के होते हैं,
बेगुनाह मुहब्बत का क्या सबूत दू ?
जो लोग दर्द को समझते हैं
वो लोग कभी भी दर्द की वज़ह नही बनते
ना शौहर बनाया न दीवाना बनाया
उसे कोई रिश्ता ना निभाना आया
तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज
.
उठा लेता हूँ अपना दिल समझ कर
हमे दुवाए दिल से मिली है
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला
तुम मेरा प्यार हो या प्याज हो
जब भी मिलते हों रुला देते हों
थक गयी मैं करते करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहती है