जाते जाते वो मुझसे कहने लगी
तुम भी बदल जाओ देखो हम भी बदल गए
जाते जाते वो मुझसे कहने लगी
तुम भी बदल जाओ देखो हम भी बदल गए
हम तो तराश देते पत्थरो को भी
उसे हम मोम को भी ना पिघलाना आया
हमे दुवाए दिल से मिली है,
कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला..
बहुत दूर तक जाना पड़ता है,
सिर्फ यह जानने के लिए, नज़दीक कौन है..
तु होगी चाँद का टुकडा ,
पर मे भी मेरे पापा का जीगर का टुकडा हु..
क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना उसी के बगैर जीना
ज़िन्दगी भर के इम्तिहान के बाद
वो नतीजे में किसी और के निकले
ऐसा नही कि उनको मोहब्बत नही
मोहब्बत तो है मगर शायद हमसे नही
यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले
कुत्तो को देशी घी और लडकियो को सच्चा प्यार
कभी हजम नही होता
क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना, उसी के बगैर जीना
जो सच है वो छुपा लेते हो मुझसे
तुम्हे तो अखबार होना चाहिए था
मरने की लाखो वजह देती है दुनिया
पर जीने की वजह तो बस एक तू है ..!!
जो उनकी आँखों से बयाँ होते है
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते है
माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है