हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए
हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए
अपने वजूद पर इतना तो यकीन है मुझे
की कोई दूर हो सकता है मुझसे पर भूल नहीं सकता
हम मतलबी नहीं कि चाहने वाले को धोखा दें,,
बस हमें समझना हर किसी के बस की बात नही...!
गुजर गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझे..
अब तू खुदा भी बन जाये तो भी तेरा सजदा ना करू..
तेरे वादे तु ही जाने मेरा तो आज भी वही कहना है
जिस दिन साँस टूटेगी उस दिन आस छूटेगी
न वफा का जिकर होगा
न वफा की बात होगी
अब मोहब्बत जिससे भी होगी
गेहू काटने के बाद होगी
जमाने की नज़र में अकड़ के चलना सीख ले दोस्त !
मोम का दिल ले कर चलेगा तो लोग जलाते रहेंगे... Er kasz
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और बयां हमसे होगा नही
सबसे ज्यादा गुस्सा खुद पर तब आता है
जब प्यार भी हम करे इन्तज़ार भी हम करें
जताये भी हम और रोये भी हम
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है; ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है; देकर वो आपकी आँखों में आँसू; अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
ये शायरी उनके लिए जिन्होंनें मौन धारण किया हुआ है..
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम..
प्यार की बात न सही.. कोई शिकायत ही कर दे..
संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे..!!
मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिख
दु..!!
ताज महल भी झूक जाएगा चूमने के लिए...!!
में जो एक पथर पे
“Tera Naam " लिखदु....!!