औकात की बात मत कर पगली जितनी तेरे बाप की एक महीने की सैलेरी है ना
उतनी तो मेरी नौकरानी की एक दिन की टिप है
सैलेरी की तो बात ही छोड़

प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता
इस फुल को कभी टूटने मत देना
क्योकि तुटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता

मेरी तङप तो कुछ भी नही है
सुना है उसके दिदार के लिए आईने तरसते

आज नजर भर उसे देखा तो यूँ लगा
जैसे प्यासे ने पानी पहली बार पिया हो

उनकी काली आँखों का काजल लगता है इस तरह
जैसे बादल में काली घटा छायी हो

तेरी चाहत का ऐसा नशा चढ़ा है की शायरी हम लिखते है
और दर्द पूरा ShayariHall सहता है

उनके होंठोँ से झरते हैं, हीरे और मोती...
जो उनसे बात भी कर ले, अमीर हो जाये....!!!

कमाल का ताना दिया आज किसी ने मुझे
के लिखते तो खूब हो कभी समझा भी दिया करो

हमारे आँखो मे वो नशा है जो किसी को भी hangover करवा दे
इसलिए तो हम अपनी आँखो पे gogals पहनते
G.R..s

उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं
er kasz

रात में आँखों में काजल यू लगा कर सोया न करो
तुम तो सो जाति हो बेचेन राते हुम गुजार्ते है

कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है
सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है

कुछ यूँ लत लगी है शायरियां लिखने की
कि समझ मे नही आता बचपन में स्कूल जाते थे या मयख़ाने
G.R..s

सुना है आज उसकी आँखों में आंसू आ गये...
वो बच्चों को सीखा रही थी की "मोह्हब्बत" ऐसे लिखते हैं..!!

बहुत रोये थे हम उस दिन जब एहसास हुआ था, खंजर लगा एक पीठ पर
आज लहुलुहान पीठ लेकर भी चुपचाप चलते जा रहे