जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती! बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!

बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया! उनकी यादों को दिल से मिटा दिया! एक दिन फिर उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ! और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!

जुदा होकर भी सताने से बाज़ नहीं आते; दूर रहकर भी वो दिल जलाने से बाज़ नहीं आते; हम तो भूलना चाहते हैं हर एक याद उनकी; मगर वो ख्वाबों में आने से भी बाज़ नहीं आते।

यादें अगर आँसू होती तो चली जाती; यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती; यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं; जो लाख कोशिशों के बाद भी लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।

यादें अगर आँसू होती तो चली जाती; यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती; यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं; जो लाख कोशिशों के बाद भी लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।

कोई मलाल कोई आरजू नहीं करता; तुम्हारे बाद यह दिल गुफ्तगू नहीं करता; कोई न कोई चीज़ मेरी टूट जाती है; तुम्हारी याद से जब भी वज़ू नहीं करता। अनुवाद: वज़ू = पवित्र

​उनकी याद में जलना अजीब लगता है​;​ धीरे-धीरे से पिघलना अजीब लगता है​;​ सारी दुनियाँ के बदलने से ​हमे फर्क नहीं ​पड़ता; बस कुछ अपनों का बदलना अजीब लगता है​।

तुझको याद करके रोता है अब दीवाना तेरा; जो ना भूल पाएगा कभी भी ठुकराना तेरा; तुम हमें भूल जाओ शायद ये फितरत है तेरी; मुश्किल है हमारे लिए प्यार भुलाना तेरा।

उसे जब याद आएगा वो पहली बार का मिलना; तो पल पल याद रखेगा या सब कुछ भूल जायेगा; उसे जब याद आएगा गुज़रे मौसम का हर लम्हा; तो खुद ही रो पड़ेगा या खुद ही मुस्कुराएगा।

मेरी आँखों मे मुहब्बत के जो मंज़र है
तुम्हारी ही चाहतों के समंदर है
मे हर रोज चाहता हुं कि तुझसे ये कह दुं मगर
लबों तक नहीं आता, जो मेरे दिल के अन्दर है

कुछ नहीं बाकी बचा है तेरे जाने के बाद; तड़प उठता है मेरा दिल आ जाये जो तेरी याद; मायूस हो गया हूँ मैं अपनी सूनी ज़िंदगी से; कोई तो हो जो समझे मेरे दिल के यह जज़्बात।

मालूम नहीं मंज़िल खुद मुझे अपनी; कदम रुक जायेंगे खुद सफर जहाँ खत्म होगा; तुम्हें याद न करूँ ऐसा पल न कभी आये; भूल जाऊं जिस दिन मैं तुम्हें वो दिन आखिरी हो जाये।

तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जायेगा; दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा; आँखें ताज़ा मंज़रों में खो तो जायेंगी मगर; दिल पुराने मौसमों को ढूंढ़ता रह जायेगा।

​उम्र की राह में ​रा​स्ते बदल जाते हैं​; वक़्त ​की आंधी में इंसान बदल जाते हैं​;​ सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करे लेकिन​;​ आँख बंद करते ही ​ख़यालात बदल जाते हैं।

कभी रो के मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए; जब भी तेरी याद सी आई तुझे भुला के रोए; एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा; जितना लिख के खुश हुए उससे ज्यादा मिटा के रोए!