मोहब्बत की आजमाइश दे-दे कर अब हम थक गए ए-खुदा; मुकद्दर में कोई ऐसा भी लिख दे जो मौत तक वफ़ा करे!

तुम मेरी बातों का जवाब नहीं देते तो कोई बात नहीं; मेरी क़ब्र पर जब आओगे तो हम भी ऐसा ही करेंगे।

अजीब रंगो में गुजरी है ज़िन्दगी हमारी
दिलो पर राज तो किया पर मोहब्बत को तरस गए
एक मुसाफिर

जिंदगी बन गए हो तुम मेरी! बंदगी बन गए हो तुम मेरी! खुदा माफ़ करे मुझे आखरी आरजू बन गए हो तुम मेरी!

मैं पल दो पल का शायर हूँ पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है पल दो पल मेरी जवानी है
G.R..s

बहुत खो चुका हूँ अब खोने की ताकत नही मुझमें या रब्बा
ये जो कुछ लोग मेरे है उन्हें मेरा ही रहने दे

ए वाइज़-ए-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा; यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं यहाँ रोज़ क़यामत होती है!

कभी ना कभी वो मेरे बारे में सोचेगा ज़रूर; कि हांसिल होने की उम्मीद भी नहीं फिर भी प्यार करती थी मुझे।

मेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देना ऐ दोस्त; क्या पता तेरे लब हिलें और मेरी तकदीर सवर जाये!

फ़ना कर दे अपनी सारी ज़िन्दगी ख़ुदा की मुहब्बत में; यही वो वाहिद प्यार है जिस में बेवफ़ाई नहीं होती।

हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए; सोचो दीवानगी तब क्या होगी जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए।

कभी आना हमारे साथ; एक सपनों की दुनियां आपको बताएंगे; रहना चाहोगे आप भी यहाँ; ऐसी वो दुनियां हम दिखाएंगे।

एक भारतरत्न उन बीवीयों के लियें भी जो 300 शब्द प्रतिमिनट बोलने के बाद कहती हैं कि
मेरा मुहँ मत खुलवाओ
er kasz

​मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था। मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था।

ख़ुशी से दिल को आबाद करना और गम को दिल से आजाद करना हमारी बस इतनी गुजारिश है कि हमे भी दिन में एक बार याद करना!