दर्द दिलों के कम हो जाते;मैं और तुम अगर हम हो जाते;कितने हसीन आलम हो जाते;मैं और तुम गर हम हो जाते।
दर्द दिलों के कम हो जाते;मैं और तुम अगर हम हो जाते;कितने हसीन आलम हो जाते;मैं और तुम गर हम हो जाते।
मेरी बहार-ओ-खिज़ां जिसके इख्तियार में थी; मिजाज़ उस दिल-ए-बेइख्तियार का न मिला। खिज़ां = पतझड़ मिजाज़ = मुलाकात
दिल तो कहता है कि छोड़ जाऊं ये दुनियां हमेशा के लिए; फिर ख्याल आता है कि वो नफरत किस से करेंगे मेरे चले जाने के बाद।
जब भी मैं तेरे सामने होता हूँ; ना जाने क्यों ऐसा लगता है; यह वक़्त यहीं थम जाए; ज़माना ना जाने क्यों इतना तेज़ बहता है।
आरजू की थी इक आशियाने की; आंधियां चल पड़ी ज़माने की; मेरे ग़म को कोई समझ ना पाया; क्योंकि मुझे आदत थी मुस्कुराने की!
मौत को भी जीना सिखा देंगे; बुझी जो शमा उसे जला देंगे; जिस दिन हम जाएंगे दुनिया से; एक बार तो दुश्मनों को भी रुला देंगे।
काश वादों का मतलब वो समझते; काश खामोशी का मतलब वो समझते; नजर मिलती है हज़ारों नजारों से; काश मेरी नज़रों का मतलब वो समझते!
तु चाँद और मैं सितारा होता; आसमान में एक आशियाना हमारा होता; लोग तुम्हे दूर से देखते; नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता!
हम तरस गये आपके दीदार को; दिल फिर भी आपके लिए दुआ करता है! हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है; जो हर रोज़ आपका दीदार तो करता है!
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाये! हम आपको याद करे और आपको खबर हो जाये! रब से बस इतनी दुआ करते हैं! आप जो चाहे आपको मिल जाये!
जब तन्हाई मैं आप की याद आती हैं! होंठो पर एक दुआ आती हैं! खुदा आप को दे हर ख़ुशी! क्योंकि आज भी हमारी हर ख़ुशी आपके बाद आती हैं!
ना मुस्कुराने को जी चाहता है; ना आंसू बहाने को जी चाहता है; लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में; बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है।
आप हमारे लिए एक फूल है; जिसे तोड़ भी नहीं सकते और छोड़ भी नहीं सकते; क्योंकि तोड़ दिया तो मुरझा जाएगा; और छोड़ दिया तो कोई और ले जाएगा।
शायद फिर से वो तक़दीर मिल जाए; जीवन के वो हसीन पल मिल जाए; चल फिर से बैठे क्लास की लास्ट बैंच पर; शायद वापिस वो पुराने दोस्त मिल जाए।
यादों के भंवर में एक पल हमारा हो; खिलते चमन में एक गुल हमारा हो; जब याद करें आप अपने चाहने वालों को; उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।