एक जरूरी सूचना: अब से हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें क्योंकि सर्दी का मौसम है और हो सकता है कि सामने वाले ने नाक साफ करने के बाद हाथ नहीं धोए हों। ~ जनहित में जारी

सिंधी: ओये तू वहां कोने में क्यों बैठा है? पठान: सर्दी बहुत है न इसलिए। सिंधी: सर्दी है तो कोने में क्या तापमान ज्यादा है? पठान: हाँ तुम्हे नहीं पता कोना 90 डिग्री का होता है।

शीतकाल को देखते हुए तीन आधुनिक स्नान: 1. Online Bath: कंप्यूटर पर गंगा के संगम की फोटो निकाल कर उस पर 3 बार माउस क्लिक करें। और फेसबुक पर उसे Background Photo के रूप में लगाएं। 2. Mirror Bath: दर्पण में अपनी छवि को देखकर एक-एक कर तीन मग पानी शीशे पर फेंकें और हर बार ओह्हहा करें। 3. Virtual Bath: सूरज की ओर पीठ कर अपनी छाया पर लोटे से पानी की धार गिराएँ और जोर-जोर से हर-हर गंगे चिल्लाएं।

हकीकत समझो या फ़साना; अपना समझो या बेगाना; हमारा आपका है रिश्ता पुराना; इसलिए फ़र्ज़ था आपको बताना; ठंड शुरू हो गयी है कृपया रोज़ मत नहाना!

गर्मियों में ठंडी हवा के लिये माँगी हुई दुआ अब सर्दियों में कबूल होते हुए देखकर यकीन हो गया है कि... . . . . . . . ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही।

उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे; इसी उम्मीद पर हम जिये जायेंगे; ये इतंजार भी उन्ही की तरह प्यारा है; कर रहे थे कर रहे हैं और किये जायेंगे।

एक औरत क़ब्र पर बैठी थी। एक राहगीर ने पूछा डर नहीं लगता? औरत: क्यों? इसमें डरने की क्या बात है। अंदर गर्मी लग रही थी तो बाहर आ गई। शुभ गर्मी।

इस दुनिया में दो ही लोग किस्मत वाले हैं। एक वो जिनका प्यार सच्चा निकलता है और दूसरे वो जिनका। . . . . . . तरबूज़ मीठा और लाल निकलता है। शुभ गर्मी।

कड़ाके की ठण्ड को देखते हुए केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला: नहाये हुए व्यक्ति को छूने वाला व्यक्ति भी नहाया हुआ माना जायेगा। ~ जनहित में जारी

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया; खत्म सभी का इंतज़ार हो गया; बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से; लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया। शुभ सावन!

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया; खत्म सभी का इंतज़ार हो गया; बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से; लगा जैसे फलक को ज़मीन से प्यार हो गया। शुभ वर्षा ऋतू।

जब जब आता है ये बरसात का मौसम; तेरी याद होती है साथ हमदम; इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे ये सोचा है हमने; पर फिर सोचा कैसे बारिश को रोक पायेंगे हम।

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया; खत्म सभी का इंतज़ार हो गया; बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से; लगा जैसे फलक को ज़मीन से प्यार हो गया। हैप्पी मानसून।

बारिश के मौसम में क्या आपका दिल मचलता है; क्या पानी में भीगने का भी आपका दिल करता है; इसमें आपकी गलती नहीं है; इस मौसम में हर मेंढक ऐसे ही फुदकता है।

सर्दी से बचने का नुस्खा: सुबह-सुबह सोकर उठो तो किसी के ऊपर एक लोटा ठंडा पानी डाल दो उसके बाद वो उठकर आपको ऐसा गरम करेगा कि पूरे दिन भर ठंड नहीं लगेगी।