क्यों किसी की याद में रोया जाये; क्यों किसी के ख्यालों में खोया जाये; मेरा तो यही कहना है ऐ दोस्त; बाहर मौसम है ख़राब है . . . . . . . . . क्यों ना रजाई ओढ़ के सोया जाये।

कल रात नव वर्ष की पार्टी में ज्यादा होने से सूर्य देव टल्ली हो गए। आज Hangover के कारण काम पर नहीं आ सकेंगे। उनकी जगह आज इंदर देव काम संभालेंगे। ~ जनहित में जारी

कंबल और रज़ाई को करो माफ़; ऐ-सी और कूलर कर लो साफ़; पसीना छूटेगा दिन और रात; अब बिना नहाये नहीं बनेगी बात; अब अपने नेचर में रखो नरमी; मेरी तरफ से आप सभी को शुभ गर्मी।

गर्मी आने से कई जगहों पर लोगों के पंखे चल पड़े हैं लेकिन कुछ अंकल अभी भी 50% डिस्काउंट वाली जैकेट पहने घूम रहे है। अपने पैसे पूरे करने हैं चाहे गर्मी से दम घुट जाये।

एक औरत क़ब्र पर बैठी हुई थी। तभी वहाँ से गुज़र रहे किसी मुसाफिर ने पूछा डर नहीं लगता? औरत: क्यों इसमें डरने की क्या बात है? अंदर गर्मी लग रही थी तो बाहर आ गयी। शुभ गर्मी!

एक जरूरी सूचना: अत्याधिक ठंड की स्थिति में सुप्रभात या गुडमार्निंग के संदेश दोपहर 3:00 बजे तक स्वीकार किये जायेंगे। साथ ही शुभ रात्रि के संदेश 8:00 बजे से मान्य किये जायेंगे।