इस कदर हम आपकी मोहब्बत में खो गए; कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए; आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था; आँख बंद कर हम फिर आपके सपनों में खो गए। शुभ रात्रि!

चाँद की चांदनी में एक पालकी बनाई है; और यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है; दुआ है ए हवा तुझसे जरा धीरे चलना; मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है। शुभ रात्रि।

पंखें से लटका हुआ सिर; खिड़की से तुम्हें देखती आत्मा; बेड के नीचे बैठी चुड़ैल; पर्दे के पीछे सिर कटी लाश; इन सबकी तरफ ध्यान मत देना; आराम से सोना। शुभ रात्रि!

रब करे आज की रात की अच्छी शुरुआत हो; प्यार भरे सपनो की बरसात हो; जिनको पाने के लिए दिन भर ढूंढ़ती रही आपकी आँखे; रब करे सपनो में आज उनसे मुलाक़ात हो। शुभ रात्रि!

दूर रहते हैं मगर हम दिल से दुआ करते हैं; प्यार का फ़र्ज़ हम घर बैठे अदा करते हैं; आपकी याद को हम सदा साथ रखते हैं; दिन हो या रात बस आपको ही याद करते हैं। शुभ रात्रि!

दुनिया है पत्थर की ये जज्बात नहीं समझती; दिल में जो छुपी है वो बात नहीं समझती; चाँद तन्हा है तारों की बारात में; पर ये दर्द ज़ालिम रात नहीं समझती। शुभ रात्रि!

तू जहाँ रहे वहाँ मेरी दुआओं की छाँव हो; वो शहर हो फिर चाहे गाँव हो; तेरी आँखों में कभी कोई गम ना हो; बस यही दुआ है हमारी कि तेरी खुशियां कभी कम ना हों। शुभ रात्रि!

आसमान के तारों में खो गया है जहान सारा; लगता है हमको प्यारा ये एक-एक तारा; इन तारों में सबसे प्यारा है वो सितारा; जो पढ़ रहा है इस वक़्त यह पैगाम हमारा। शुभ रात्रि!

आप जो सो गए तो ख़्वाब हमारा आएगा; एक प्यारी सी मुस्कान आपके चेहरे पर लाएगा; खिड़की दरवाज़े दिल के खोल कर सोना; वरना आप ही बताओ हमारा ख़्वाब कहाँ से आएगा। शुभ रात्रि!

याद आती है तो ज़रा खो जाते हैं; आंसू आँखों में उतर आएं तो ज़रा रो लेते हैं; नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन; वो ख़्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते हैं। शुभ रात्रि!

तन्हा जब दिल होगा आपको आवाज़ दिया करेंगे; रात में सितारों से आपका जिक्र किया करेंगे; आप आओ या ना आओ हमारे ख़्वाबों में; हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे। शुभ रात्रि!

तनहा जब दिल होगा आपको आवाज़ दिया करेंगे; रात में सितारों से आपका जिक्र किया करेंगे; आप आये या ना आये हमारे ख्वाबों में; हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे। शुभ रात्रि!

वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे; मैं तुझ को भूल कर ज़िंदा रहूँ ऐसा ख़ुदा न करे; रहे तेरा साथ ज़िन्दगी भर के लिए; बस इसी दुआ के साथ ये ज़िन्दगी कटती रहे शुभ रात्रि!

ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात आखिरी होगी; ना ज़ाने कौन सी रात आखिरी होगी; मिलते जुलते बातें करते रहो एक दूसरे से; ना जाने कौन सी मुलाक़ात आखिरी होगी। शुभ रात्रि!

खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते हैं; बीती हुई यादों को लेकर रोये जाते हैं; नींद तो आती नहीं है अब रातों में; मगर देख सकें तुमको ख्वाबों में इसलिए सो जाते हैं। शुभ रात्रि!