मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ
बस तुम्हें पाने की तमन्ना नही रही
मोहब्बत तो आज भी तुम्हें बेसुमार करते है
वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता
जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर
एक स्टिंग मेरे दिल का भी हो जाता...
तुम्हें पता तो चलता, कितना प्यार है तुमसे❤
सुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।
क्या मिला हमें सदियों कि मोहब्बत से
एक शायरी का हुनर और दुसरा जागने कि सज़ा
मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन
जैसी है...
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद
किया...
जिसको जितनी चाहिए हो ले जाए रौशनी
हमने चिरागे दिल जला दिया है राहे इश्क में
शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते है
मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला
मैं हारा भी तो अपनी हीं रानी से
नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता ह