वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही
इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही
खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए
ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं

तन्हा रात में जब तेरी याद आयी
तन्हाई मिटाने को हमने एक सिगरेट जलाई
ना जाने कैसे कयामत हो गयी
और धुएं ने भी तेरी तस्वीर बनायी

आँखें खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो
आँखें बंद हो तो सपना तुम्हारा हो
मुझे मौत का डर न होगा
अगर कफ़न की जगह दुपट्टा तुम्हारा हो

सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा
सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे

फूल.. खुशबु के लिए..
प्यार.. निभाने के लिए..
खुशी.. मुस्कुराने के लिए..
आँखे.. दिल चुराने के लिए..
और ये संदेश.. हमारी याद दिलाने के लिए..

मेरा ख्याल मन मे ले कर सोया करो..
खिडकी खुली छोड कर सोयो करो..
क्या पता कब आ जाऐं हम मिलने आपसे..
इसलिए थोडी जगह छोड कर सोया करो
...

पैगाम तो एक बहाना था इरादा तो आपको याद दिलाना था
आप याद करे या ना करे कोई बात नही पर आपकी याद आती है
बस इतना ही हमने आपको बताना था

जो लोग एक तरफा प्यार करते है अपनी ज़िन्दगी को खुद बर्बाद करते है
नहीं मिलता बिना नसीब के कुछ भी फिर भी लोग खुद पर अत्याचार करते है

हमारी किसी बात से खफा मत होना
नादानी से हमारी नाराज़ मत होना
पहली बार चाहा है हमने किसी को इतना
चाह कर भी कभी हमसे दूर मत होना

जब खामोश आँखो से बात होती है ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं पता नही कब दिन और कब रात होती है

ना दुआ माँगी ना कोई गुज़ारिश की ना कोई फरियाद ना कोई नुमाइश की
जब भी झुका सर “खुदा” के आगे हुमने ए जान बस “आपकी” खुशी की ख्वाइश की

वो भूल गऐ उनहे हँसाया किसने था
जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था
वो कहते है वो बहुत अच्छे है
वो भूल गऐ है की उनहे ये बताया किसने था

ना दिल से होता है ना दिमाग़ से होता है

ये प्यार तो इतफाक से होता है पर प्यार कर के प्यार ही मिले ये इतफाक किसी-किसी के साथ होता है..

मेरा हर लम्हा चुरा लिआ आपने
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने
हमें जिन्दगी दी किसी और ने
पर प्यार इतना देकर जीना सीखा दिया आपने

मुहब्बत की क़िसमत बनाने से पहले
ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा
मुहब्बत पे ये ज़ुल्म ढाने से पहले
ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा