वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी
फिर क्यों उसे चाँद और मुझे आवारा कहते हैं लोग
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी
फिर क्यों उसे चाँद और मुझे आवारा कहते हैं लोग
लडकी तो कभी पटाई नहीँ पर बदनाम तो ऐसे हो रहे है
जैसे 100 रानीयों का अकेला बादशाह हूँ
मत पूछ ईमानदारी का हाल इस दुनिया में ऐ ग़ालिब
ईमान बेचकर ईमानदार बनते है लोग यहाँ
वो ढूँढ रहे थे हमसे दूर जाने के बहाने..
मेने सोच खफा होके उनकी मुश्किले आसान कर दूँ..
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों
वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे
खूबसूरती का तो हर कोई आशिक होता है
किसी को खूबसूरत बनाकर इश्क किया जाय तो क्या बात है
खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये
वरना तुझसे मिलने कि तमन्ना कभी पूरी नहीं होती
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोसतों,
वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा
हमारा अंदाज ही कुछ ऐसा है कि हम बोलते है
तो बरस जाते है और खामोश रहते है तो लोग तरस जाते है
रूप का आकर्षण प्यार नही होता
हर किसी पे ना मर छोरे
क्योकि हर के पास सच्चा प्यार नही होता
हमसे भुलाया ही नहीं जाता एक मुखलिस का प्यार; लोग जिगर वाले हैं जो रोज नया महबूब बना लेते हैं!
उम्र और ज़िन्दगी में
फर्क बस इतना...
जो तेरे बिन बीति,
वो उम्र
जो तेरे साथ बीति,
वो ज़िन्दगी..
हम तो रो भी नहीं सकते उसकी याद में उसने एक बार कहा था
मेरी जान निकल जाएगी तेरे आंसू गिरने से पहले
सो जाता हैं हर कोई अपने कल के लिए पर ये कोई नहीं सोचता कि आज जिसका दिल दुखाया है वो सोया होगा या नहीं।