बहुत गुमान है तुझे नाम पर अपने मगर
उससे कहीं ज्यादा है कीमत मेरे ईमान की

हम दोस्ती करते है तो अफसाने लिखे जाते है
और दुश्मनी करते है तो तारीखे लिखी जाती है

जब तुझे पहली बार देखा था, वो भी था मौसम ए तरब कोई,
याद आती है दूर की बातें, प्यार से देखता है जब कोई..!
er kasz

रानी की ख्वाइश पूरी करने की भी बादशाह की एक हद होती है
अपनी रानी पर सबकुछ लूटा दे तो वो बादशाह नहीं बेगम का गुलाम कहलाता है

रुलाना सबको आता है; हँसाना किसी-किसी को आता है; रुला के जो मना ले वो सच्चा यार है; और जो रुला के ख़ुद भी आंसू बहाये वो आपका सच्चा प्यार है।

सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी; आँसुओं की बहती नदी थमी होगी; मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे; जब आपके पास वक़्त और हमारे पास साँसों की कमी होगी।

सिकंदर तो हम अपनी मर्जी से हें,
पर हम दुनिया नहीं दिल जीतने आये हें..

लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया

तलवार कि धार से ज्यादा हमारी जुबान चलति हें
मौत का ख्वाब क्या दिखाता हे वो तो खुद हमसे डरती हे

हसरत थी सच्चा प्यार पाने की
मगर चल पडी आँधियां जमाने की
मेरा गम कोई ना समझ पाया
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की

मेरी काबिलियत को तुम क्या परखोगे ए गालिब
इतनी छोटी सी उमर मेँ ही लाखो दुश्मन बना रखे हैं

लडकी‬ तो कभी ‪पटाई‬ नहीँ पर ‪बदनाम‬ तो ऐसे हो रहे है
जैसे 100 रानी यों का ‪अकेला‬ बादशाह हूँ

तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती?

सपना कभी साकार नहीं होता; मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता; सब कुछ हो जाता है इस दुनियां में; मगर दोबारा किसी से प्यार नहीं होता।

बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी