मुझे कहनी है तुमसे इक बात
दास्तान लबो से सुनोगे या निगाहो से

..........कुछ लोग बहुत ही अच्छे होते हैं......
........जैसे आप
मुझे ही देख लें......

संस्कार की बात मत कर पगली तू
हम तो Temple Run भी चप्पल उतार के खेलते हे

आज महोबब्त ने मुझे रुला दिया
जीस पर मरते रहे उसीने भुला दिया

वो रह ना पाऐ एक पल भी मेरे बिन...
ऐ खुदा तू उसको मेरी आदत सी कर दे

मैं अपनी रूह तेरे अंदर छोड़ आया
तुझसे गले लगना तो एक बहाना था

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं

अपने उसूल कभी यूँ भी तोड़ने पड़े
ख़ता उसकी थी हाथ मुझे जोड़ने पड़े

मनाने का रिवाज़ उसकी किताब में नहीं था
मैं रूठा तो वो चली गयी ...!!!

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया

ए खुदा मुझे प्यार उसी से हो जो
मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए

काश वो आज कसके गले लगा ले मुझे
बहुत थकान सी हो रही है रोते रोते

तेरे पास ही होगा जरा फिर से देख
मेरे सीने से दिल आखिर गया कहाँ

ये इश्क़ भी नशा-ए- शराब जैसा हैं
करे तो मर जाये छोड़े तो किधर जाये

शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं,
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना..