तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता
लिखता हु केवल दिल की तसली के लिए, वरना जिन पर अशको का असर नही हुआ उनपे अलफाजो का कया होगा।
इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे
जहर के असरदार होने से
कुछ नही होता साहब...
खुदा भी
राजी होना चाहिये मौत देने के लिये...
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते हैं
याद आयेगी मेरी तो बीते कल को पलट लेना
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराता हुआ मिल जाऊंगा
उसकी माँ ने कहा:- बेटा तूने मेरी बेटी को क्या कर दिया है
रो रो के पागल हो गई है मैनें कहा:- Block
हम उनकी मोहब्बत में उम्रक़ैद चाहते थे GAALIB
क्या पता था कि कुछ दिनों में ही ज़मानत हो जायेगी
कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का
लोग बड़े शौक से पड़ते है कहानिया बेवफाओं की
इससे बढ़कर तुझे और कितना करीब लाँऊ मैं
तुझे दिल में रखकर भी तुझ बिन मेरा दिल नहीं लगता
खुशी में मदहोश और गम में मायूस मत होना
ये वक्त बड़ा खिलाड़ी है हर रोज़ अपनी चाल बदलेगा
किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला उसके ख्यालो मे डूब कर
इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे..
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं