एक बार फिर से निकलेगे तलाश ऐ इशक मे दुआ
करो यारो इस बार कोई बेवफा ना मिले

ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है

रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर

इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे
इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे

ना मेरा प्यार कम हूवा ना उस की नफ़रत,
अपना अपना फ़र्ज़ था दोनो अदा कर गये.

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !

उसने जब से कहा है उस दिन दूर चली जाउंगी
ऐसा लगता है मौत का दिन तय हो गया हो

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही..

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती हैं !
काले तो आधे घंटे में हो जाते हैं !!

तुमने तो कहा था मुझे हर पल याद करोगे.,
फिर मेरी हिचकियां बंध क्यूँ हो गयी.!!

इतना मगरूर मत बन मुझे वक्त कहते हैं
मैंने कई बादशाहो को दरबान बनाया हैं

दूर गगन में उड़कर भी..लौट आते हैं..!
परिंदे इन्सान की तरह बेपरवाह नही होते...

ख्वाब आँखों से गये नींद रातों से गयी
तुम गये तो लगा जिन्दगी हाथों से गयी