“नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा,
या रब,
देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो”..!!!
“नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा,
या रब,
देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो”..!!!
न चाहते हुए भी उसे छोड़कर आना पड़ा
वो इम्तिहान में ना आने वाले सवाल जैसा था
इक बात कहूँ इश्क बुरा तो नहीँ मानोगे
बङी मौज के थे दिन तेरी पहचान से पहले
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही
ना जीने का शौक है मरने की तलब रखते हैं
दीवाने हैं हम दीवानगी गजब रखते हैं
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे।
जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया।
मुझसे अगर पूछना है तो मेरे जज्बात पूछ,
जात और औकात तो सारी दुनिया को पता ह
कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, तालियाँ बजाते बजाते..
अगर प्यार करती हो तो आ सामने,,
यु छीप छीप कर स्टेटस
पढने का मतलब क्या हैं?
मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
सूखे पत्तों की तरह बिखरे थे हम।
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ जलाने के लिए।
कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
अब तक यादकर रही हो पागल हो तुम
हमने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिये