पत्थर से प्यार किया नादान थे हम
गलती हुई क्यों की इंसान थे हम
आज जिन्हे नज़रे मिलाने में तकलीफ होती है.
कभी उसी शख्स की जान थे हम.
पत्थर से प्यार किया नादान थे हम
गलती हुई क्यों की इंसान थे हम
आज जिन्हे नज़रे मिलाने में तकलीफ होती है.
कभी उसी शख्स की जान थे हम.
जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे; ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं; चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें; मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम
☝हमने बरसों सीने से लगाए रक्खा , मगर ये दिल हमारा न हुआ.
☝तुमने मुस्कुरा के इक बार क्या देखा कमबख्त तुम्हारा हो गया..
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आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को
सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है..
पल पल उसका साथ निभाते हम; एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम; समुन्दर के बीच में पहुंचकर फरेब किया उसने; वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम।
सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल” अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
खुदा तू ही बता हमारा क्या होगा; उजड़े हुए दिल का सहारा क्या होगा; घबराहट होती है मोहब्बत की नाव में बैठ कर; गर मझदार ये तो किनारा क्या होगा।
आपका रिश्ता मेरे सुरों का साज़ है
आप जैसे अपनों पर हमें नाज़ है
चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में
ये रिश्ता कल भी वैसा ही रहेगा जैसा आज है
जब मुल्ला को मस्जिद में राम नजर आए
जब पंडित को मंदिर में रहमान नजर आए
सुरत ही बदल जाए इस दुनिया की गर
इंसान को इंसान में इंसान नजर आए
जो जितना दूर होता है नज़रो से उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है
ना जीने की खुशी ना मरने का गम
बस तुमसे मिलने की दुआ करते है हम
जीतें है इस आस पर एक दिन तुम आओगे
मरते इसलिए नहीं क्युँकी अकेले रह जाओगे
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
हमें जंजीरों में कैद करने का सपना मत देख
क्योंकि हम वो आदमखोर शेर हैं
जिसका भी शिकार करते हैं उसका जिस्म तो क्या रूह भी दम तोड देती हैं