रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी

चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे
इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई वो किसी ओर कि क्या होगी

मेरे सजदे की दुआएँ तुम क्या जानो हमदम
सर झुका तो तेरी खुशी माँगी हाथ उठे तो तेरी जिँदगी माँगी

इंतजार है मुझे नफ़रत करने वाले कुछ नए लोगो का
पुराने नफ़रत करने वाले तो अब मुझे पसंद करने लगे है

ऐ ख़ुदा सुना है के दुआ कुबूल करने का तेरा एक वक़्त होता है
अब तू ही बता मैंने उसे किस वक़्त नहीं माँगा

साथ रोती थी हँसा करती थी एक परी मेरे दिल में बसा करती थी
किस्मत थी हम जुदा हो गए वरना वो मुझे अपनी तकदीर कहा करती थी

आज फिर वो मुझपे एक कर्ज़ कर गया,
वो फ़कीर बिन कुछ पाये मुझे दुआ दे गया!

एक ‪कतरा‬ ही सही एसी ‪नीयत‬ दे मौला
किसी को ‪प्यासा‬ देखूँ तो ‪दरिया‬ हो जाऊँ

“टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है...,
क्योंकि उसे टूटने का दर्द मालूम होता है।”

मै फिर से निकलूंगा तलाश -ए-जिन्दगी में ....
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दुआ करना दोस्तों इस बार किसी से इश्क ना हो .....

पुराना कहकर जिस कम्बल को ठुकरा दिया रईस के बेटे ने। ...
गरीब के बच्चे उसी कम्बल के बदले सैंकड़ो दुआएँ दे गए।....

अपनों से करके किनारा राह के मुसाफिरों को अपना कहने वाला
मुड़ के आएगा जिस दिन बिखर चुका होगा तेरे अपनों का मेला

तेरे चहेरे की चमक सदा बनी रहे हंसी इन लबो पे हमेशा सजी रहे
दूर रखे खुदा सारे गमो से तुझे खुशिया तेरे दामन में बिछी रहे

किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं
मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है 2 वक़्त की रोटी कमाने में

हम तो तराश देते पत्थरो को भी
उसे हम मोम को भी ना पिघलाना आया