यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले

क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना, उसी के बगैर जीना

इतनी मोहबत करूँगा की तु खुद कहेगी
की देख वो जा रहा मेरा आशिक़

माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है

हम बने थे तबाह होने के लिए
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था

हाथ मे बस एक बासुँरी कि कमी है वरना
गोपिया हमने भी कई फसाई है

अजीब सी रंगत है तेरी
कि तू रुह मे बसती तो है मगर दिखती कभी नही

वजह होती तो मिटा देते
बेवजह था इश्क़, ना रह पाया, ना समझा पाया

आज दिल में बेचैनी कुछ जादा हो रही है
तुम जहाँ भी हो ठीक तो हो न

Attitude तो बचपन से है
जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसीसे बात नही की

उसका वोह पूछना मुझसे, मेरा हाल,
लाश के क़त्ल-ए-आम जैसा था...........💘💔💌

"कोई तो है जो हमे "Dua" मे माँग रही है.
वरना ऐसे ही थोडी हम "Single" है...!!"

आज महोबब्त ने मुझे रुला दिया
जीस पर मरते रहे उसीने भुला दिया

संस्कार की बात मत कर पगली तू
हम तो Temple Run भी चप्पल उतार के खेलते हे

मुसाफिरों की तरफ मुड़के देखना मत
जाते वक्त ये दिल तोड़ जाते है