ज़माने के सामने कैसे आते तेरी वेवफाई पे रोने के लिए
सारा जहाँ छोड़ जो बैठे हम सिर्फ एक तेरा होने के लिए

दर्द-ए-दिल कम ना होगा ऐ सनम; आपकी महफ़िल से जाने के बाद; नाम बदनाम हमारा होगा; आपकी ज़िन्दगी से जाने के बाद।

अजीब सी दास्तां है मेरी भी शब्द लिखता हूँ फिर मिटाता हूँ
और कई लोग तो तब तक पूरी शायरी ही लिख डालते है

दुनिया में सिर्फ दिल ही है जो बिना आराम किये काम करता है इसलिए उसे खुश रखो
चाहे वो अपना हो या अपनों का

हमारा ‪‎बस‬ चले तो हम उसे अपने ‎जुतो‬ के पास खडा कर दे
लेकिन क्या करु कंबख्त‬ हम जुते भी ‪Branded‬ पहनते हैं

रख ले 2-4 बोतल कफ़न में साथ बैठ कर पिया करेंगे
जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का एक पेग उससे भी दे दिया करेंगे

मोबाइल के एक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने
बस इसके सिवा और ख़ास कुछ जायदाद नहीं है मेरी

शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते

लब पे शिकवा न ला अश्क पी ले जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है गम का डेरा किस के रोके रुका है सवेरा

मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए वर्ना
जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता हैमेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद

माँ बाप की सेवा सफलता की
सीढ़ी का सबसे
मजबूत डंडा
है...
इसको अगर छोड़ दिए तो कभी ऊपर नही
उठ
सकते ।।

वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे जैसे कोई गम छुपा रहे थे
बारिश में भीग के आये थे मिलने शायद वो आंसु छुपा रहे थे

मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता है मेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद