दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।
दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।
हमदर्दियाँ जनाब अब काटती हैं मुझे
खामखा मिज़ाज न पुछा करे कोई
तेरी लवली eyes ने मुझपे जो effect किया है
मेने सब को reject कर के तुझे select किया है
तुम बहुत दिल-नशीन थे
मगर जब से किसी और के हो गए हो,
ज़हर लगते हो..!!
इस तन्हा रात में अजीब सी बात है, लाख
ना चाहने पर भी याद तू आती है !!
कहां तलाश करोगी हम जैसा
जो तुम्हारी नफरत भी सहे और प्यार भी कर
ऐ राम तेरे युग का रावण ही अच्छा था
दस चेहरे थे पर सब सामने तो थे..!!
अफवाह थी कि मुझें इश्क हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया
हमे सिंगल रेहने का शौक नही
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही
पहले डरता था मौत से मैँ
तेरे जाने के बाद अब जिन्दगी से डरता हुँ
मरते तो तुझ पर लाखो होगें
मगर मै तो तेरे साथ जिना चाहता हुं सनम
अब आ गए हो आप तो आता नहीं कुछ याद; वरना कुछ हम को आप से कहना ज़रूर था।
जहासे तेरी बादशाही खत्म होती है वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे ।
इजाजत हो तो तेरे पास आ जाऊं मै...चाँद के पास भी तो एक सितारा रहता है !
हम बने थे तबाह होने के लिए…… तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था….!!