तू हमारी बराबरी क्या करेगी ए pagli
हम तो कूलर में भी Bisleri का पानी डालते है
तू हमारी बराबरी क्या करेगी ए pagli
हम तो कूलर में भी Bisleri का पानी डालते है
ऐ दिल सोजा अब तेरी शायरी पढ़ने
वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते
तुम ने देखी नही फुलो की वफा
वो जीस पर खीलते हे उसी पे मुरजा जाते हे
मेरी हर बात को उल्टा समझ लेते है वो
अब के पूछे तो कहना हाल बेहतर है
99% यकिन था कि तू मेरा नही होगा पर
उस 1% ने मुझे किसी का होने भी नही दिया
सुलूक-ए-बेवफाई तो हम भी कर सकते हे जान
पर तू रोये ये हमे गवारा नही ।
हमे जब नींद आएगी तो इस कदर
सोएंगे के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए…!!
याद नहीं मै रूठी थी..या वो रूठा था
साथ हमारा बस जरा सी बात पे छूटा था
कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही
खुदा आज भी है ज़मीं पर ये मुझको यकीं; बस उसको देखने वाली निगाह चाहिए।
कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही
अब तो खैर अपना हाल भी नहीं मालूम
पहले हम सारे ज़माने की खबर रखते थे..!
" बड़ा आदमी वो हे ,जो अपने पास बेठे व्यक्ति को छोटा मेहसूस ना होने दे.."
न देखूँ तो भी बेचैनी देख लूँ तो भी बेचैनी
ये तेरा दीदार WhatsApp के blue tick जैसा